विचार प्रवाह✨चुनाव में भ्रष्टाचार का मुद्दा ना होना सुखद✨
चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में चुनावी महासमर की घोषणा कर दी है। सभी राजनीतिक दल अपने अपने वादे और प्रलोभन लेकर मैदान में उतर चुके हैं। सभी राजनीतिक दल विकास के मुद्दे लेकर चुनावी रण में हैं। सूबे में समाजवादी पार्टी के अलावा अन्य कोई दल प्रत्यक्ष चुनौती देता नहीं दिख रहा है। सभी राजनीतिक पार्टियां किसी भी तरह से वोटर्स को लुभाने के प्रयासरत हैं तथा इसके लिए छोटी छोटी स्थानीय पार्टियों से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए लोगों का वोट पाने की लालसा ने समाजवादी पार्टी को लगभग इन सभी स्थानीय राजनीतिक पार्टियों के साथ गठबंधन करने को मजबूर कर दिया है जो इस बात का स्पष्ट सन्देश है कि योगी सरकार ने विपक्ष के सामने कोई प्रमुख मुद्दा ही नहीं छोड़ा है। प्रत्येक चुनाव में भ्रष्टाचार सभी विपक्षी दलों का प्रमुख मुद्दा हुआ करता था। किंतु इस चुनाव में विशेषकर उत्तर प्रदेश में अभी तक किसी भी विपक्षी दल ने योगी सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने की ना तो कोशिश की है और ना ही इस सम्बंध में कोई टिप्पणी की है, जो देखना सुखद है। ऐसा सम्भवतः पहली बार हो रहा है कि किसी चुनाव में भ्रष्टाचार का मुद्दा ही गायब है। विगत पांच वर्षों के योगी सरकार के शासन में यह तो स्पष्ट हो गया कि सरकारें बिना भ्रष्टाचार और गुंडई के भी चल सकती हैं।
~अमित शर्मा, मेरठ।
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