परमात्मा सत्य हैं - स्वामी अभ्यानंद सरस्वती
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फोटो- कथा वाचन करते स्वामी अभयानंद सरस्वती |
मेरठ: राधा गोविंद मंडप गढ़ रोड में भव्य श्री राम कथा के द्वितीय दिवस पर दिनांक 27 दिसंबर को हरिद्वार से पधारे कथा व्यास अनन्त श्री विभूषित महामंडलेश्वर स्वामी अभयानंद सरस्वती जी महाराज ने बताया समस्त जगत के चराचर प्राणियों में बड़े सौभाग्य से परम पिता परमात्मा को जानने की इच्छा होती है। सभी प्राणियों को शरीर अपना कर्मफल भोगने के लिए प्राप्त हुआ है। इस दुर्लभ मानव शरीर में भी रहकर जीव न जाने कितने दुखों और कष्ठों को सहते हुए अनगिनत विपरीत परिस्थितियों में जीवन जीता है। एक बच्चा जन्म लेते ही ऑपरेशन की बेड पर पड़ा होता है, अभी उसने कोई कर्म किया ही नहीं फिर किस बात की सजा? न जाने ऐसे कितने ही दृष्टांत समाज में देखने को मिलता है। गुरु शिष्य के संबंधों की चर्चा करते हुए स्वामी अभयानंद सरस्वती ने कहा जब हमे कभी यह अभिमान नहीं करना चाहिए की में सद्गुरु के बहुत करीब हूं। यह बहुत बड़ा दोष है। शिव गीता का वर्णन करते हुए माता सीता के प्रसंग में कहा सीता जी हमेशा शिव जी के साथ रहती हैं, फिर भ्रम क्यों हुआ। गुरु के सानिध्य में हमारी दृष्टि सर्वदा ज्ञान प्राप्त कर अज्ञान दूर करने पर रहनी चाहिए अन्यथा बहुत भारी हानि का दायित्व हमको ढोना पड़ता है। आज मुख्य यजमान मनोज कुमार गुप्ता एवं बबीता अग्रवाल ने स्वामी अभयानंद सरस्वती का तिलक एवं माल्यार्पण कर स्वागत किया। अंत में आरती और प्रसाद के साथ कथा संपन्न हुई। इस अवसर पर श्री मति मीना अग्रवाल , मनोज कुमार गुप्ता, बबीता गुप्ता, गोविंद अग्रवाल, वृंदा अग्रवाल, आर के प्रसाद, देवेन्द्म प्रकाश, राजीव संगारी, मीडिया प्रभारी मयंक अग्रवाल आदि लोग उपस्थित रहे।
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