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हिन्दी समाचार पत्र

बुधवार, 21 अक्टूबर 2020

प्रेरक प्रसंग~जाति औरत की??

एक आदमी ने महिला से पूछा......


          तम्हारी जाति क्या है?


महिला ने उल्टा ही पूछ लिया...


       एक मां की या एक महिला की


उसने कहा....चलो दोनों की बता दो.....


     और चेहरे पर हल्की सी मुस्कान बिखेरी।


 


महिला ने भी पूरे धैर्य से बताया


            एक महिला जब माँ बनती है, तो वो जाति-विहीन हो जाती है,


 


उसने फिर आश्चर्य चकित होकर पूछा....


          वो कैसे..?


 


जबाब मिला कि .....


 


जब एक माँ अपने बच्चे का लालन पालन करती है,अपने बच्चे की गंदगी साफ करती है,


        तो वो "शूद्र" हो जाती है......


 


वो ही बच्चा जब बड़ा होता है तो माँ नकारात्मक ताकतों से उसकी रक्षा करती है,


       तो वो "क्षत्रिय"हो जाती है


 


जब बच्चा और बड़ा होता है,


                तो माँ उसे शिक्षित करती है,


 तब वो "ब्राह्मण" हो जाती है


 


और अंत में,


        जब बच्चा और बड़ा होता है तो माँ उसके आय और व्यय में उसका उचित मार्गदर्शन कर अपना "वैश्य" धर्म निभाती है                                                                                                                   


         तो अब बताओ कि...... हुई ना एक महिला या मां जाति विहीन


 


       उत्तर सुनकर वो अवाक् रह गया।


उसकी आँखों में महिलाओं या माताओं के लिए सम्मान व आदर का भाव था,


और उधर उस महिला को अपने माँ और महिला होने पर पर गर्व का अनुभव हो रहा था।


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