लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि यूपी की स्थिति (कोरोना महामारी से संबंधित) दिल्ली, महाराष्ट्र या राजस्थान से कहीं बेहतर है। उन्होंने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि हमारे पास देश में सबसे बड़ी आबादी है, मगर कोविङ-19 मामलों की संख्या कई अन्य राज्यों की तुलना में बहुत कम है। यह हमारी सरकार की दक्षता ही है कि हमने केंद्र के निदेर्शों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया है। दुनिया भर के महामारी विशेषज्ञ शुरूमें राज्य की प्रतिक्रिया से आशंकित थे, क्योंकि भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य को इससे पहले भी अन्य भयानक वायरल बीमारियों के प्रसार के लिए जाना जाता रहा है। हालांकि इन विशेषज्ञों के लिए बहुत आश्चर्य की बात है कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने वायरस को सफलतापूर्वक नियंत्रित करने के लिए मिशन मोड में काम किया। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मोदी जी के मजबूत नेतृत्व और उत्तर प्रदेश के लिए उनकी चिंता ने हमारे राज्य की धारणा को बदल दिया है। अब हम अन्य राज्यों को हमारा अनुसरण करने के लिए उदाहरण पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वायरस के खिलाफ हमारी लड़ाई के बारे में मुझे लगता है कि योगी सरकार ने प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए निदेर्शों और पत्रों में से प्रत्येक को लागू किया है। डिप्टी सीएम ने आगे बताया कि हमारे यहां संख्या 2000 को भी पार नहीं करती और यह आंकड़ा बहुत कम होता, लेकिन जिस तरह से तब्लीगी जमात के सदस्य यहां बीमारी लेकर आए, वह इस । दिशा में एक दुभार्ग्यपूर्ण बात रही है। उनका व्यवहार भी हमारे लिए बहुत निराशाजनक रहा। उन्होंने (जमात) ने वायरस को रोकने के लिए हमारी र योजनाओं को काफ हद तक चोट भी पहुंचाई, मगर बाधाओं के बावजूद हम इसे नियंत्रित करने में कामयाब रहेराज्य के कई जिले ग्रीन जोन में हैं, लेकिन एक आगरा जिला ऐसा रहा है, जहां महामारी को नियंत्रित करने में प्रशासन नाकाम रहा है। यह पूछे जाने पर कि आगरा जैसे पर्यटक स्थल में क्या गलत हुआ, मौर्य ने कहा कि इसका एक कारण स्पष्ट रूप से तब्लीगी जमात ही है, जिसके सदस्य वायरस फैलाने में सहायक बने रहे। वहीं आगरा का एक निजी अस्पताल भी बीमारी के बारे में सही जानकारी नहीं दे पाया। ___ उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से लापरवाही हमें महंगी पड़ गई, लेकिन सरकार ने समय रहते कार्रवाई की। हमने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया, जिसमें एक प्रमुख सचिव-स्तर के अधिकारी, एक एडीजीस्तर के पुलिस अधिकारी और एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने स्थिति का जायजा लिया। समिति ने आगरा में कोरोना वायरस के प्रसार को काफ हद तक कम करने में सफलता पाई है।
हिन्दी समाचार पत्र
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